Wednesday, June 23, 2010

ये ऑनर किलिंग क्‍या है


ऑनर किलिंग अब तक विकसित प्रदेश हरियाणा या दिल्ली से बाहर ही देखने-सुनने में आती थी लेकिन अब दिल्ली में भी बढती जा रही है. दिल्ली जो कि देश की राजधानी है, ऐसा लगता है जैसे ऑनर किलिंग करने वाले अपने बच्चो और उनके प्रेमी / प्रेमिकाओं को जान से मारने की होड़ में लगे हुए हैं. जिन बच्चों को इतने प्यार से पालते - पोसते हैं, पढ़ाते - लिखाते हैं, बड़ा करते हैं उनकी हत्या करने में क्या कलेजा निकलकर नहीं आता हत्यारों का ? समाज किस मुंह से कहेगा कि हम २१वीं सदी में जी रहे हैं ? ऑनर किलिंग की लाइन में नया नाम मोनिका और उसके पति का और जुड़ गया. आज पता चला कि मोनिका की रिश्‍ते की एक बहन को भी कल उसके परिवार वालों ने गोली मार दी और एक अन्‍य बहन की तलाश है. एक तरफ खाप पंचायतों का तालिबानी फरमान और दूसरी तरफ ऑनार किलिंग. हमारे समाज को आखिर हो क्‍या गया है ? हम जा किस ओर रहे हैं?

ऑनर किलिंग केवल एक हत्या का मामला नहीं है. ह्त्या से कंही आगे का मामला है और इसके लिए हमारा वर्तमान कानून काफी नहीं है. हमें एक नए कानून कि सख्‍त जरुरत है